મધ્યકાલીન ગુજરાતી શબ્દકોશ/સમયાનુક્રમણી

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शब्दकोश माटे उपयोगमां लेवायेला ग्रंथोनी समयानुक्रमणी

आम तो, केटलाक ग्रंथो समयना लांबा गाळाने आवरे छे, छतां भाषाना विकास - इतिहासनो अभ्यास करनारने आ समयानुक्रमणीमांथी केटलोक आधार अवश्य सांपडी रहेशे.

१२मी पूर्वार्धथी १४मी पूर्वार्ध १३मी पूर्वार्धथी १४मी पूर्वार्ध १२५०थी १३५० दरम्यान १२८५ आसपासथी १६८२ १३५३ स्थूलिभद्र फागु १३५४थी १४२९ १३५५ १४००थी १४७५ आसपास १५मी सदी नरसिंहनी काव्यकृतिओ, नरसैं महेतानां पद, १५मी पहेलुं चरण विराटपर्व १४४०थी १४९० १४५० आसपास १४५०थी १५५० दरम्यान १५मी त्रीजुं चरण १५मी उत्तरार्धथी १७मी पूर्वार्ध ऐतिहासिक राससंग्रह १४६३ सिंहासनबत्रीसी (मलयचंद्र) १४७९ वाग्भटालंकार बालावबोध १४७९थी १७०५ आरामशोभा रासमाळा १४८७ उपदेशमाला बालावबोध १४९० नेमिरंगरत्नाकर छंद, प्रबोधप्रकाश १४९७ ललितांगकुमार रास १४९७थी १५३१ लावण्यसमयनी लघु काव्यकृतिओ १५मी अंतभाग कृष्णचरित्र १५मी अंत के १६मी आरंभ अंगदविष्टि, कृष्ण-बालचरित १५०० आसपास अभिवन-ऊझणुं १६मी पूर्वार्ध आसपास कादंबरी, नलाख्यान १५०७ विक्रमखापराचरित्र १५०९ विक्रमचरित्र रास १५१२ विमलप्रबंध १५१७ कामावती १५१८ हम्मीरप्रबन्ध १५४९ कर्पूरमंजरी १५५० प्रद्युम्नकुमार चुपई १५५२ शीलवती कथा १५५६ नल-दवदंती रास १५५८ शृंगारमंजरी १५८३ अंबड विद्याधर रास १५८७ ऋषिदत्ता रास १६मी अंत के १७मी आरंभ रूपसेन चतुष्पदिका १७मी पूर्वार्ध उक्तिरत्नाकर, जिनराजसूरि-कृति-कुसुमांजलि १६०४थी १६९८ सत्तरमा शतकनां प्राचीन गुर्जर काव्य १७नी मध्यभाग अखानी काव्यकृतिओ, अखाना छप्पा, चित्तविचार-संवाद, चतुरचालीशी, प्रेमपचीसी १६४८ हरिश्चन्द्राख्यान १६४९ अखेगीता १७मी उत्तरार्ध प्रेमानंदनी काव्यकृतिओ १६५२ मोसाळाचरित्र १७मी चोथु चरण दशमस्कंध १६८२ पहेलां पंचदंडनी वार्ता १६८५ के १७मी उत्तरार्ध सम्यक्‌त्व षट्स्थान चउपइ १८मी पूर्वार्ध देवकीजी छ भायारो रास १७१३ के ते पूर्वे आनंदघन बावीसी स्तबक १७१८थी १७६५ आसपास चंद्र-चंद्रावती वारता, नंदबत्रीसी, मदनमोहना १७२५ रूस्तमनो सलोको १७२९थी १७४५ दरम्यान कस्तुरचंदनी वारता, सिंहासनबत्रीशी (शामळ) १७४५ वेतालपचीसी
समय ग्रंथ के कृति
१२मीथी १४मी सदी प्राचीन गूर्जर काव्यसंचय
ऐतिहासिक जैन काव्यसंग्रह
तेरमा-चौदमा शतकनां त्रण प्राचीन-गुजराती काव्यो
वसंतविलास (फागु)
प्राचीन फागुसंग्रह
गुर्जर रासावली
षडावश्यक बालावबोध
पंदरमां शतकनां चार फागुकाव्यो
नरसिंह महेतानां पद
‘षष्टिशतक प्रकरण’ना त्रण बालावबोध
वीसळदेव रास
हरिविलास
उषाहरण