મધ્યકાલીન ગુજરાતી શબ્દકોશ/સંપાદકનું નિવેદન: Difference between revisions

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आ कोशरचनाए, आम, अनेक रीतना समृद्ध अनुभवनुं भातुं पूरुं पाड्युं छे. मारी विद्यायात्रामां प्रेरकपोषक बनी रहेशे-रहो !
आ कोशरचनाए, आम, अनेक रीतना समृद्ध अनुभवनुं भातुं पूरुं पाड्युं छे. मारी विद्यायात्रामां प्रेरकपोषक बनी रहेशे-रहो !
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२० मार्च, १९९५
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{{right|जयंत कोठारी}}
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