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पछइ<ref>पछी बीजी प्रतमां 'शालि ६० प्रकारनउं कूर प्रीसइं ते कहीस्यई' एवा शब्द छे. </ref> राइभोग शालि,<ref>बीजी प्रतमां शालिनां ६० जातने अनुक्रम नंबर आपी गणावी छे. </ref> सुगंध शालि,<ref>बीजी प्रतमां आपेलां शालिनां वधु नामः चांद्रणी वेरडा डांगरी ढूंढणीया करडीया शालीया, मुडी कमोद पेसलवेलि कमोद, मुंठी कमोद, जीरा कमोद, शंषी कमोद, मालवणि वालेरी मुंगीउं चीतावेलि मजीठी मोहणी कोबरवेलि हरिवाल बावन्ना सीधलु हरिमुषी गोलंयालपंषी खिमुई शालि, कुंकमवणी शालि, वाघउरी शालि, चारुली शालि, गोरडु कागपंषी झुरासाणी जातषंषी वाना मांजरवेलि पाटमांजर पोति पूटणी जटाली मुषी गमतमल पलासी अडाउं गोत्रवेलि धानवेलि शुद्ध वांनवानां.</ref> कमल शालि, तिल-वासी शालि,<ref> साली.</ref> जीरा शालि, महा शालि, साठी<ref> शाठी. </ref> शालि, कमोद शालि, कनडी शालि, षरसु शालि, धानुरी शालि, वागडी शालि, करम शालि, बालरु शालि, कुंआरी शालि, चाद्रिणी शालि, बरडा शालि, डांगरी शालि, ढूंढणीया शालि, करडीया शालि, सालीया शालि प्रमुख, तेहना चोषा, दूबलीइं खाड्या,<ref> षांड्यां </ref> सबलीइं छड्या, निषूतीइं वीण्या, अलवेसरि आण्या, सुमतीइं सोहिआ,<ref> सोह्या, आ शब्द पछी 'बहुजल धोया, रुडइं पात्रइं जोया, हाथ रुडे डोया,' एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref> इस्या चोषानु भगनीइं<ref> भगतीइं. </ref> समारिउ,<ref> आ शब्द पछी बीजी प्रतमां' रुडे ठामडे धारिउं' एवा शब्द छे. </ref> उंन्हु<ref> उन्हउ. </ref> तिन्हु<ref> तीन्हउ. </ref> अणीआलु सुंहालु<ref> सुहालउं,</ref> सरस, सुकोमल,<ref> सकोमल </ref> जिसिउ<ref>जिस्यउं </ref> केवडु<ref> केवडउं </ref> कुंडेली जेवडउ, सबली स्त्रीइं उसायु<ref> 'सबळी स्त्रीइं उसायु’ ए शब्दो बीजी प्रतमां नथी. </ref> इसिउ<ref> ईसी. </ref> सालिनु कूर, वीषरी<ref> सीष </ref> वीणीइ<ref> वीसाइं </ref> मनरंगि फीणीइ. मंडोरा मग,<ref> आ पछी धूंषला ‘मग' एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref> करडूआ<ref> करड्या. </ref> मग, नीलूआ<ref> नीलूया. </ref> मग, तेहनी दालि, कान्हमी तूअरि<ref>आ शब्द पछी बीजी प्रतमां 'वाग्मी तुअरि' एवा शब्द छे. </ref> मसूरि<ref> मसूर. </ref> तेह तणी दालि, बभुक्षानी<ref> बभुक्षानइं. </ref> कालि, फोतिरे छांडी, हलूइ हाथि खांडी, त्रिछद्द कीधी, घणइ पाणीइ सीनी,<ref> बीजी प्रतमां 'घणइ पाणीइ सीनी' ए शब्द नथी. </ref> बानि<ref> बावि. </ref> पीयली,<ref> पीइं. </ref> परिणामि शीअली इसी दालि. छालीनुं घृत,<ref> 'छालिनुं धृत' ए शब्दो बीजी प्रतमां ए ज पंक्तिमां 'भइंसर्नु धृत' ए शब्दोनी पछी आवे छे. </ref> गाईनुं धृत, भइंसिनुं<ref> भइंसनुं. </ref> धृत, तत्कालनुं<ref> तत्कालि, </ref> ताव्युं<ref> ताबिउं. </ref> घाईसिउं<ref> कइसिनुं. </ref> नामिउं, मंजिष्ट वर्ण, अवधारइ कर्ण, सरही धार,<ref> आ पछी बीजी प्रतमां ‘रसा घणउ भार' एवा शब्द छे.</ref> साक्षात् अमृत एवंविध धृत. पछइ शाक<ref>शाकि.</ref> प्रीसाइ,<ref>आ पछी बीजी प्रतमां 'सहुई श्रीसवा धाई' एवा शब्द छे </ref> चुली फली, ग्वार फली, कडा फली, सडसडती फली, मगना नीलूआ,<ref>लूआ. </ref> मोगरी<ref>सांगरी. </ref> उढवी<ref>वढवी. </ref> कइरां कंकोडां कारेलां रायकारेलां तोरईआं घीसोडां सेलरां राईआं टीडूरां सडसडती डोडी, कलकलता कसुंभा, चमचमतां चीभडां, मिरीभरी<ref>मिरीमिरी. </ref> खांडिमी, बधारिउं पूरण, परि [૨-B] हरीइ<ref>आ शब्द पछी बीजी प्रतमां 'सूरण' शब्द छे. </ref> [सूरण], बांगलां,<ref>बोगलां. </ref> वधारिआं खडबूजां, वघारिआ<ref>वधारया. </ref> आंबारस मतीरां, वघारीआं <ref>वधारयां </ref> ६ फूट, चिणानां<ref>चणाणा. </ref> बाकला, वघारि<ref>वधारथा. </ref> मसूर दालि, वघारी आंबागोठी, तूअरिना नीलूआ, चिनामी दालि, वघारि बूबूल,<ref>ब्बूल </ref> काकडी,<ref>'काकडी.... कोठीबदां' ए पाठ बीजी प्रतमां 'कंकोडां कारेलां' ए मुख्य प्रतना (उपर, पं. ३) शब्दोनी पछी आवे छे. </ref> कोहलां, कालिंगडां, कोठीबडां, आरीआं, चीलनी भाजी, ढीबडांनी भाजी, सोआनी भाजी, तांदजानी <ref>तांदलजानी. </ref>भाजी, चिणेजी<ref>चिणानी, </ref> भाजी, कणझिरानी भाजी, मेथीनी भाजी, फांगीनी भाजी.<ref> 'फांगीनी भाजी, अडदनी भाजी' ए शब्दो बीजी प्रतमां नथी. </ref> अडदनी भाजी, कली<ref>काला थुलाना. </ref> पापड, लांगना<ref>लांगनन, </ref> पापड, मगना पापड, चोषानी पापडी, जारिनी पापडी, मालनी पापडी, तेहनां साजीआं.<ref>साजीयां. </ref> चुलानी वडी, अडदनी बडी, घसि<ref>घईसि. </ref> वडी, छमका बडी, सुंतली वडी, षेरु, राईतां,<ref>रायतां. </ref> घारडां, पनुली, बघारिआ वाल, वाल्हुलि सूरी, वाल्हुलि चिहुं वानीना पलेव, कडूआ<ref>कडूया. </ref> कसायला तीषा मधुरा पाडोसणिनी जीमि<ref>जीभ. </ref> जस्या<ref>जिस्या. </ref> कडूआ, जिसिआ<ref>जिस्यू. </ref> सद्गुरु तणा उपदेश तिस्या कसायला, जिसी सुकिनी<ref>सोकिनी,</ref> जीभ एहवा तीषा, जिस्यांमातानां चित्त तिस्या मधुरा पलेव. स्वादनइं अर्थि लींबुआना रस मुंकाइ,<ref> मूकायइं.</ref> पछइ मिरी मांजरि, लींबुआं षारां, बीली,<ref> आ शब्द पछी 'करपटां कयर षारां' एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref> खारी सुंठि, खारी कइरी, कोहलाना फाफडा षारा<ref> षार. </ref> सेक्या, खारां कयर, खारी हलद्र, खारा वासेटा, एवंविध<ref> एवं विधि, तेना पड़ी आवतो 'सालणां' शब्द बीजी प्रतमां नथी, पण एने स्थाने 'गिरिमिरी बांसगांठि आदां' एवा शब्दो छे. </ref> सालणां. सेक्या सुंतल्या<ref> 'सुंतल्यां' शब्द बीजी प्रतमां नथी. </ref> तल्यां<ref> तला. </ref> ताव्यां<ref> ताव्या. </ref> तीषां तमतमां षाटां पारां<ref> आ पछी बीजी प्रतमां 'तमतमां' शब्द छे. </ref> कडूआं कसायलां मीठां मधुरां गलिआं<ref> कल्यां. </ref> चोपडां, काचां<ref> चोल्यां. </ref> पाकां छोल्यां छुबरयां<ref> सुतलां. </ref> वघारियां<ref> मधास्यां. </ref> अणवधारियां,<ref> अणवघारां. </ref> इस्यां सालणां. एलचीवाणी, द्राषवाणी, साकरवाणी, आंबलिवाणी,<ref> आंबिलवाणी, ए पछी बीजी प्रतमां, 'इक्षुवाणी' शब्द छे.</ref> पांडवाणी, विचि इस्यां पीजइ पांणी. बारु शालि तणा करंबा,<ref> आ पछी बीजी प्रतमां 'पांमी इंनु पूजीइं अंबा' एवा शब्द छे. </ref> कपूरिं वास्या,<ref> आ पछी प्रतमां 'जिम वासहु करइं आस्या’ एवा शब्द छे. </ref> एलचीनुं उल्लास, भोज्य लक्ष्मीनुं निवास, मांहि दही तणु प्रयोग, जेणइ<ref> जेहनइं. </ref> जिमणहारनइ हुइ<ref> हुयइं. </ref> अभियोग, अमृतमय थोल, जिस्या खीर समुद्रना कल्लोल. हाथे मिलिउ गलणे गलिउ,<ref> गलीयउ., </ref> अत्यंत धवल प्रीणीइ मुखकमल इस्या<ref> 'इस्या थोल' ए शब्दो बीजी प्रतमां नथी. </ref> थोल, ऊपरि उन्हां टाढां पाणी,<ref> आ पछी बीजी प्रतमां 'आपइं चतुर नारि आणी' एवा शब्द छे. </ref> सीकरीवासित कपूरवासित<ref> कपूरवासित वाणी. </ref> पाडलवासित<ref> पाडलवासित बाणी. </ref> एलचीवासित इस्यां पाणी, खीरोदक चीर हाथ- लूहाण.<ref> लूंहणे. </ref> पछइ चाउरे<ref> चाउर. </ref> [3-A] आसणे आवी बइसइ.<ref> बइंस्यइं.</ref> हवइं तंबोल,<ref> आ पच्छी 'आपइं तंबोर शब्दो बीजी प्रतमां छे.</ref> अडांगरां पांन, तबकी पांन, षाषरीआ<ref> षाषरीयां. </ref> पांन, चेउली पांन, श्रेष्टिवेलिआं<ref> *वेलियां. </ref> पांन, कपूरवेलिआ<ref> *वेलियां. </ref> पान, नागरखंडां पांन, मांगुलुरां<ref> मांगळुरां. </ref> पांन, बीटि सांकडां,<ref> 'बीटि सांकडां' आ शब्दो पछी 'मांहि नहीं लाकडां' एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref> अल्प नसाजाल, एवंविध<ref> एहवां. </ref> मनोहर पांन.<ref> 'मनोहर पांन' ए शब्दोंने बदले बीजी प्रतमां 'आपइ भुपाल' एवा शब्द छे. </ref> तबकी सोपारी, चेउळी सोवारी, कीली सोपारी, चीकणी सोपारी, लालीआं<ref> लालीआ. </ref> सोपारी, रोठा<ref> रोठा. </ref> सोपारी, भमरागर सोपारी, कुचीगर सोपारी, तानुरां सोपारी, मडावां सोपारी, नीली सोपारी, कातली, तबक खरवडी, तबकी<ref> तबकी. </ref> काथु, केवडीउ<ref> केवडीयो. </ref> काथु,<ref> काथो. </ref> लिविंग<ref> लविंग, </ref> एलची बोदा काठी जाइफल जावित्री<ref> जावंत्री. </ref> कर्पूर<ref> मिरीकपूर. </ref> कस्तूरी तणइ संयोगि चुसरां<ref> चुसठि. </ref> पाननां बीडां<ref> आ पछी बीजी प्रतमां 'एकइं नहीं रुडां इकइं नहीं' एवा शब्द छे. </ref> इम<ref> ईम, आ पछी बीजी प्रतमां 'द्रव्यना लाहा लीधा’ एवा शब्द छे. </ref> सर्व परिवारनइं भोजन तंबोल दीधा. | पछइ<ref>पछी बीजी प्रतमां 'शालि ६० प्रकारनउं कूर प्रीसइं ते कहीस्यई' एवा शब्द छे. </ref> राइभोग शालि,<ref>बीजी प्रतमां शालिनां ६० जातने अनुक्रम नंबर आपी गणावी छे. </ref> सुगंध शालि,<ref>बीजी प्रतमां आपेलां शालिनां वधु नामः चांद्रणी वेरडा डांगरी ढूंढणीया करडीया शालीया, मुडी कमोद पेसलवेलि कमोद, मुंठी कमोद, जीरा कमोद, शंषी कमोद, मालवणि वालेरी मुंगीउं चीतावेलि मजीठी मोहणी कोबरवेलि हरिवाल बावन्ना सीधलु हरिमुषी गोलंयालपंषी खिमुई शालि, कुंकमवणी शालि, वाघउरी शालि, चारुली शालि, गोरडु कागपंषी झुरासाणी जातषंषी वाना मांजरवेलि पाटमांजर पोति पूटणी जटाली मुषी गमतमल पलासी अडाउं गोत्रवेलि धानवेलि शुद्ध वांनवानां.</ref> कमल शालि, तिल-वासी शालि,<ref> साली.</ref> जीरा शालि, महा शालि, साठी<ref> शाठी. </ref> शालि, कमोद शालि, कनडी शालि, षरसु शालि, धानुरी शालि, वागडी शालि, करम शालि, बालरु शालि, कुंआरी शालि, चाद्रिणी शालि, बरडा शालि, डांगरी शालि, ढूंढणीया शालि, करडीया शालि, सालीया शालि प्रमुख, तेहना चोषा, दूबलीइं खाड्या,<ref> षांड्यां </ref> सबलीइं छड्या, निषूतीइं वीण्या, अलवेसरि आण्या, सुमतीइं सोहिआ,<ref> सोह्या, आ शब्द पछी 'बहुजल धोया, रुडइं 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इस्यां पीजइ पांणी. बारु शालि तणा करंबा,<ref> आ पछी बीजी प्रतमां 'पांमी इंनु पूजीइं अंबा' एवा शब्द छे. </ref> कपूरिं वास्या,<ref> आ पछी प्रतमां 'जिम वासहु करइं आस्या’ एवा शब्द छे. </ref> एलचीनुं उल्लास, भोज्य लक्ष्मीनुं निवास, मांहि दही तणु प्रयोग, जेणइ<ref> जेहनइं. </ref> जिमणहारनइ हुइ<ref> हुयइं. </ref> अभियोग, अमृतमय थोल, जिस्या खीर समुद्रना कल्लोल. हाथे मिलिउ गलणे गलिउ,<ref> गलीयउ., </ref> अत्यंत धवल प्रीणीइ मुखकमल इस्या<ref> 'इस्या थोल' ए शब्दो बीजी प्रतमां नथी. </ref> थोल, ऊपरि उन्हां टाढां पाणी,<ref> आ पछी बीजी प्रतमां 'आपइं चतुर नारि आणी' एवा शब्द छे. </ref> सीकरीवासित कपूरवासित<ref> कपूरवासित वाणी. </ref> पाडलवासित<ref> पाडलवासित बाणी. </ref> एलचीवासित इस्यां पाणी, खीरोदक चीर हाथ- लूहाण.<ref> लूंहणे. </ref> पछइ चाउरे<ref> चाउर. </ref> [3-A] आसणे आवी बइसइ.<ref> बइंस्यइं.</ref> हवइं तंबोल,<ref> आ पच्छी 'आपइं तंबोर शब्दो बीजी प्रतमां छे.</ref> अडांगरां पांन, तबकी पांन, षाषरीआ<ref> षाषरीयां. </ref> पांन, चेउली पांन, श्रेष्टिवेलिआं<ref> *वेलियां. </ref> पांन, कपूरवेलिआ<ref> *वेलियां. </ref> पान, नागरखंडां पांन, मांगुलुरां<ref> मांगळुरां. </ref> पांन, बीटि सांकडां,<ref> 'बीटि सांकडां' आ शब्दो पछी 'मांहि नहीं लाकडां' एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref> अल्प नसाजाल, एवंविध<ref> एहवां. </ref> मनोहर पांन.<ref> 'मनोहर पांन' ए शब्दोंने बदले बीजी प्रतमां 'आपइ भुपाल' एवा शब्द छे. </ref> तबकी सोपारी, चेउळी सोवारी, कीली सोपारी, चीकणी सोपारी, लालीआं<ref> लालीआ. </ref> सोपारी, रोठा<ref> रोठा. </ref> सोपारी, भमरागर सोपारी, कुचीगर सोपारी, तानुरां सोपारी, मडावां सोपारी, नीली सोपारी, कातली, तबक खरवडी, तबकी<ref> तबकी. </ref> काथु, केवडीउ<ref> केवडीयो. </ref> काथु,<ref> काथो. </ref> लिविंग<ref> लविंग, </ref> एलची बोदा काठी जाइफल जावित्री<ref> जावंत्री. </ref> कर्पूर<ref> मिरीकपूर. </ref> कस्तूरी तणइ संयोगि चुसरां<ref> चुसठि. </ref> पाननां बीडां<ref> आ पछी बीजी प्रतमां 'एकइं नहीं रुडां इकइं नहीं' एवा शब्द छे. </ref> इम<ref> ईम, आ पछी बीजी प्रतमां 'द्रव्यना लाहा लीधा’ एवा शब्द छे. </ref> सर्व परिवारनइं भोजन तंबोल दीधा. | ||
ईसपना<ref> ईसपान. </ref> लोबान,<ref> लोब्यान. </ref> शलारसबती,<ref> शलारसवती. </ref> कृष्णागर भोग धूप समस्त परिवार आगलि ऊषेवाइ.<ref> उषवेवाइं, आनी पछी बीजी प्रतमां 'गायन बइंठाणाय' एवा शब्द छे. </ref> धूपेल चांपेल मोगरेल करणेल जइतेल<ref> जायतेल, बीजी प्रतमां आ शब्द पछी 'घणइ बत्त्या' शब्दो मले छे. </ref> एवंविध तेलिइं चोला भीजाइ.<ref> भींजबीइं </ref> चूउ जबाधि पोहिसा कचूलु गुलाब सुरतर<ref> गुरुतरु. </ref> अबीर बावन्नाचंदन सूकडि केसर मिलियोगिरा<ref> मिलियागरं, </ref> कपूरकाचरी नखला गहुंला कस्तूरी बरासकपूर,<ref> कपूरबरास. </ref> चीणीउं कपूर,<ref> आ शब्द बीजी प्रतमां नथी. </ref> गुलाल एवंविध छांटणां. चंपकपुष्प<ref> चंपकपुष्प. </ref> मालती<ref> मालतीपुष्प. </ref> केवडा पाडल जाइनां<ref> जायनां.</ref> फूल, | ईसपना<ref> ईसपान. </ref> लोबान,<ref> लोब्यान. </ref> शलारसबती,<ref> शलारसवती. </ref> कृष्णागर भोग धूप समस्त परिवार आगलि ऊषेवाइ.<ref> उषवेवाइं, आनी पछी बीजी प्रतमां 'गायन बइंठाणाय' एवा शब्द छे. </ref> धूपेल चांपेल मोगरेल करणेल जइतेल<ref> जायतेल, बीजी प्रतमां आ शब्द पछी 'घणइ बत्त्या' शब्दो मले छे. </ref> एवंविध तेलिइं चोला भीजाइ.<ref> भींजबीइं </ref> चूउ जबाधि पोहिसा कचूलु गुलाब सुरतर<ref> गुरुतरु. </ref> अबीर बावन्नाचंदन सूकडि केसर मिलियोगिरा<ref> मिलियागरं, </ref> कपूरकाचरी नखला गहुंला कस्तूरी बरासकपूर,<ref> कपूरबरास. </ref> चीणीउं कपूर,<ref> आ शब्द बीजी प्रतमां नथी. </ref> गुलाल एवंविध छांटणां. चंपकपुष्प<ref> चंपकपुष्प. </ref> मालती<ref> मालतीपुष्प. </ref> केवडा पाडल जाइनां<ref> जायनां.</ref> फूल, सेवंत्रां, जूईनां<ref> जूहीनां.</ref> फूल, बुलसिरीनां<ref> बलिहारी. </ref> फूल, दमणउ सरूउ मचकंद कमल जासु गुलाल बेलि मोगरु करणी वालु पारिजातक<ref> हारिजात. </ref> एवंविध | ||
<ref>एम विधि. </ref> फूल परिवार प्रति अपाइ.<ref> अपावइ. </ref> हवइ राजा परिवार प्रति वस्त्र आपइ; गुडीआं<ref> गुडीयां, बीजी प्रतमां अन्य वस्त्रोनां नामने छेडे पण 'आं 'ने बदले ‘यां' छे </ref> शणीआं कस्तूरीआं प्रतापीआं कुसंभीआ<ref>आनी पछीनो 'मोलीआं' शब्द बीजी प्रतमां नथी </ref> वाटलीआं जलोदरीआं मगीआं जोडदरीआं प्रागीआं चुकडीआं<ref> चउकडीयां. </ref> टसरीआं पूरीआं अमरीआं सूहवीआं मूगीआं चलवलीआं चारुलीआं परवालीआं मांडलीआं खाजलीआं पिंपलीआं पोपटिआं हांसलीआं चंपकदुर्गीआं<ref>चंपकदुगीयां. </ref> विद्यापुरीआं देकापाटकीआं कास्मीरीआं धूमराई खीरोदक पदांशुक चीनांशुक खांडकी तनुसख मनसष<ref> मनसुष. </ref> कमखा चलाषा मलाषा देवदूष्य<ref> 'देवदूष्य' शब्द बीजी प्रतमां नथी.</ref> बंधालग कौठालग कलगइ कोकची<ref> कठपीठ, आनी पछी 'षेस' शब्द बीजी पतमां छे. </ref> पंचवर्ण यज, दुरंगी यज, मांगलुरी यज, गढगजी सवागजी चुगजी पंटणी पटपाटू, पंचवर्ण छींट, नीलवटां चकवटां धौंत [3-B] वटां मुहिवटां नाटी दोटी धटी कठपीठ पाघडी बींडी रेट चूनडी पातलसाडी, नंदरबारी पाघडी, पामडी लोवडी, वाहणवही लोवडी, पछेडी चूनडी गजवडि<ref> गजबटि. </ref> बोरीआवडि हंसवडि सुवर्णवडि<ref> सुवणवडि. </ref> कालावडि फाडां ठेपाडां कुमरपछेडु, गोमेद लुगडूं, अदाण<ref> अद्दण. </ref> कर्मदाण कंतरांइणी गजकर्णी पइठाणी<ref> पइंठांणी. </ref> सलहिती बारबती फरोदस्ती चूडाभाति शकलात पोतु तास्तु नीलनेत्रां बासत्था, मिशरु बासत्था, कद दोकद चुपदा मास-पदा तनुबंध<ref> तिनुबंध.</ref> शरबंध कमरबंध मगवनां कमलवनां दरीयाखाना कतनीझूंना<ref> कचनीझूंना.</ref> प्रताप सचोप, पटणी कथीवु, फिरंगी<ref>फरंगी, आ शब्द पछी बीजी प्रतमां 'एरंडी' छे. </ref> कथीवु, सानुबाफ जरबाफ श्रीबाफ सुफ कमखा<ref>कमरबाफ. </ref> खरमु नरमु मेघाडंबर मंजीर दाडिमसार<ref>दामिमसार.</ref> जादर हीरागर वइरागर फूलपगर चीर बलगार चुतार<ref>चउतार. </ref> पीतांबर चादर रक्तांबर नेत्रांबर षासरी सालूर<ref>गालू. </ref> चौलहिरां<ref>चोलहिरा. </ref> नीलुहुरां<ref>तीलुहुरी. </ref> जरजरी मलबारी लाछरी<ref>लाछुउरी. </ref> अधोतरी<ref>अधातरी, आनी पछी 'देवदूषा' शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref> अमरी गंगापारी मोतीचूरि टमरु मशरु रत्नकंबल छाइल मकबल अगल साउला उरसाला वाला पटुलां बाकलां घनवेलि कमलवेलि कपूरवेलि सेलां पटुली षमरतली झमरतली चेउली मह्यूसालू<ref>महुसाहु. </ref> चारसा<ref> चोरसा </ref> षरबास षेस<ref>बीजी प्रतमर्मा 'षेस' नथी. </ref> कतास अतलस खासु कमसू भइरव, मिश्रु भइरव, रेशमी भइरव, लाहि महीमुंदीशाही<ref> महिमुंदशाही, आनी पछी बीजी प्रतमां नीचेनां वस्त्रोनां नाम मळे छेः 'चीगीदाम गोयागरी सागीयां, नीली पांजणी, पीली काली कादूई राती पंचवर्ण पांजणी, पछेडी, बाट पछेडी, नीझरी पछेडी, सोनादोरी पछेडी.' </ref> मलमलसाही प्रमुख नानाविध<ref>नानाविधि. </ref> भातिनां,<ref>आ पछी बीजी प्रतमां ‘नानावधि जातिनां' एवा शब्द छे. </ref> नानाविध<ref>नानाविधि. </ref> देशनां वस्त्र आणी समस्त परिवार,<ref>आ पछी बीजी प्रतमां ‘स्वजनवर्ग परवर्ग नरनारी' ए शब्दो छे. </ref> नगरलोक पहिरावी<ref>पहिरावइं, आ पछी बीजी प्रतमां नीचेनी पंक्तिओ छे:<br> | |||
सेवंत्रां, जूईनां<ref> जूहीनां.</ref> फूल, बुलसिरीनां<ref> बलिहारी. </ref> फूल, दमणउ सरूउ मचकंद कमल जासु गुलाल बेलि मोगरु करणी वालु पारिजातक<ref> हारिजात. </ref> एवंविध | |||
<ref>एम विधि. </ref> फूल परिवार प्रति अपाइ.<ref> अपावइ. </ref> हवइ राजा परिवार प्रति वस्त्र आपइ; गुडीआं<ref> गुडीयां, बीजी प्रतमां अन्य वस्त्रोनां नामने छेडे पण 'आं 'ने बदले ‘यां' छे </ref> शणीआं कस्तूरीआं प्रतापीआं कुसंभीआ<ref>आनी पछीनो 'मोलीआं' शब्द बीजी प्रतमां नथी </ref> वाटलीआं जलोदरीआं मगीआं जोडदरीआं प्रागीआं चुकडीआं<ref> चउकडीयां. </ref> टसरीआं पूरीआं अमरीआं सूहवीआं मूगीआं चलवलीआं चारुलीआं परवालीआं मांडलीआं खाजलीआं पिंपलीआं पोपटिआं हांसलीआं चंपकदुर्गीआं<ref>चंपकदुगीयां. </ref> विद्यापुरीआं देकापाटकीआं कास्मीरीआं धूमराई खीरोदक पदांशुक चीनांशुक खांडकी तनुसख मनसष<ref> मनसुष. </ref> कमखा चलाषा मलाषा देवदूष्य<ref> 'देवदूष्य' शब्द बीजी प्रतमां नथी.</ref> बंधालग कौठालग कलगइ कोकची<ref> कठपीठ, आनी पछी 'षेस' शब्द बीजी पतमां छे. </ref> पंचवर्ण यज, दुरंगी यज, मांगलुरी यज, गढगजी सवागजी चुगजी पंटणी पटपाटू, पंचवर्ण छींट, नीलवटां चकवटां धौंत [3-B] वटां मुहिवटां नाटी दोटी धटी कठपीठ पाघडी बींडी रेट चूनडी पातलसाडी, नंदरबारी पाघडी, पामडी लोवडी, वाहणवही लोवडी, पछेडी चूनडी गजवडि<ref> गजबटि. </ref> बोरीआवडि हंसवडि सुवर्णवडि<ref> सुवणवडि. </ref> कालावडि फाडां ठेपाडां कुमरपछेडु, गोमेद लुगडूं, अदाण<ref> अद्दण. </ref> कर्मदाण कंतरांइणी गजकर्णी पइठाणी<ref> पइंठांणी. </ref> सलहिती बारबती फरोदस्ती चूडाभाति शकलात पोतु तास्तु नीलनेत्रां बासत्था, मिशरु बासत्था, कद दोकद चुपदा मास-पदा तनुबंध<ref> तिनुबंध.</ref> शरबंध कमरबंध मगवनां कमलवनां दरीयाखाना | |||
कतनीझूंना<ref> कचनीझूंना.</ref> प्रताप सचोप, पटणी कथीवु, फिरंगी<ref>फरंगी, आ शब्द पछी बीजी प्रतमां 'एरंडी' छे. </ref> कथीवु, सानुबाफ जरबाफ श्रीबाफ सुफ कमखा<ref>कमरबाफ. </ref> खरमु नरमु मेघाडंबर मंजीर दाडिमसार<ref>दामिमसार.</ref> जादर हीरागर वइरागर फूलपगर चीर बलगार चुतार<ref>चउतार. </ref> पीतांबर चादर रक्तांबर नेत्रांबर षासरी सालूर<ref>गालू. </ref> चौलहिरां<ref>चोलहिरा. </ref> नीलुहुरां<ref>तीलुहुरी. </ref> जरजरी मलबारी लाछरी<ref>लाछुउरी. </ref> अधोतरी<ref>अधातरी, आनी पछी 'देवदूषा' शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref> अमरी गंगापारी मोतीचूरि टमरु मशरु रत्नकंबल छाइल मकबल अगल साउला उरसाला वाला पटुलां बाकलां घनवेलि कमलवेलि कपूरवेलि सेलां पटुली षमरतली झमरतली चेउली मह्यूसालू<ref>महुसाहु. </ref> चारसा<ref> चोरसा </ref> षरबास षेस<ref>बीजी प्रतमर्मा 'षेस' नथी. </ref> कतास अतलस खासु कमसू भइरव, मिश्रु भइरव, रेशमी भइरव, लाहि महीमुंदीशाही<ref> महिमुंदशाही, आनी पछी बीजी प्रतमां नीचेनां वस्त्रोनां नाम मळे छेः 'चीगीदाम गोयागरी सागीयां, नीली पांजणी, पीली काली कादूई राती पंचवर्ण पांजणी, पछेडी, बाट पछेडी, नीझरी पछेडी, सोनादोरी पछेडी.' </ref> मलमलसाही प्रमुख नानाविध<ref>नानाविधि. </ref> भातिनां,<ref>आ पछी बीजी प्रतमां ‘नानावधि जातिनां' एवा शब्द छे. </ref> नानाविध<ref>नानाविधि. </ref> देशनां वस्त्र आणी समस्त परिवार,<ref>आ पछी बीजी प्रतमां ‘स्वजनवर्ग परवर्ग नरनारी' ए शब्दो छे. </ref> नगरलोक पहिरावी<ref>पहिरावइं, आ पछी बीजी प्रतमां नीचेनी पंक्तिओ छे:<br> | |||
{{gap}}देशलोक, बंदीजन, जाचक, प्रतिबंधन वस्त्र आपइं, दरिद्रानां दरिद्र कापइ, सहुनइं पहिराबी, लोभनी बात नावीः राजा युबराजा प्रधान श्रीकरण कोठारी धान्यकोठारी धनभंडारी वस्रभंडारी नगरलोक सहुइंनइं राजा बुलावइं, पद पाच सात पाछलि आवई, चतुर नारी गीत गावइं, मोती थाल भरी वधावइं, मृदंग पडह तूर बजावइं, पंच शबद नीसाण गजावइं, एहवा उछव करावइ, मस्तकि छत्र धरावइं, पापिष्ट दुष्टनइं डरावइं, पंषिया जीवनइं चर।बइं.' </ref> नांमस्थापना कीधी.<ref>आ पछी बीजी प्रतमां 'कीर्तिरुपिणी धज दीधी' एवा शब्द छे.</ref> | {{gap}}देशलोक, बंदीजन, जाचक, प्रतिबंधन वस्त्र आपइं, दरिद्रानां दरिद्र कापइ, सहुनइं पहिराबी, लोभनी बात नावीः राजा युबराजा प्रधान श्रीकरण कोठारी धान्यकोठारी धनभंडारी वस्रभंडारी नगरलोक सहुइंनइं राजा बुलावइं, पद पाच सात पाछलि आवई, चतुर नारी गीत गावइं, मोती थाल भरी वधावइं, मृदंग पडह तूर बजावइं, पंच शबद नीसाण गजावइं, एहवा उछव करावइ, मस्तकि छत्र धरावइं, पापिष्ट दुष्टनइं डरावइं, पंषिया जीवनइं चर।बइं.' </ref> नांमस्थापना कीधी.<ref>आ पछी बीजी प्रतमां 'कीर्तिरुपिणी धज दीधी' एवा शब्द छे.</ref> | ||