સમગ્રમાંથી સઘન-વિવેચનશ્રેણી – ભોગીલાલ સાંડેસરા/જિમણવાર - પરિધાન વિધિ: Difference between revisions

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एहवी लापसी प्रीसाइ<ref> पीसाई. </ref>. पछइ खीर.<ref> आ पछी नीचेना शब्दो बीजी प्रतमां मळे छेः ‘१०० गायनां दूध, ५० नीपाई अनुक्रमे, १ नीपाई रूडा आषा चोषानी पीर मुकाई पछई.' </ref> हांसा गहुं, काठा गहुं, जालीया<ref> भीलीया. </ref>  गहुं, बाजीया<ref> वासीया. </ref>  गहुं, वांसीया गहुं, एतले प्रकारे गहुंना मांडां; ते किम.<ref> 'ते किम' ए शब्दो बीजी प्रतमां नथी. </ref>  खांडमांडा, पूरणमांडा, आछा मांडा, करकरा मांडा, आकाशमांडा, एतली<ref> एकली. </ref>  पडसूदीना मांडा. लहचूई पोली, खूबी रोटी, वारू<ref> वारु. </ref>  वडां, वेढिमी, वडां तो<ref> ते. </ref> केहवां छइ?
एहवी लापसी प्रीसाइ<ref> पीसाई. </ref>. पछइ खीर.<ref> आ पछी नीचेना शब्दो बीजी प्रतमां मळे छेः ‘१०० गायनां दूध, ५० नीपाई अनुक्रमे, १ नीपाई रूडा आषा चोषानी पीर मुकाई पछई.' </ref> हांसा गहुं, काठा गहुं, जालीया<ref> भीलीया. </ref>  गहुं, बाजीया<ref> वासीया. </ref>  गहुं, वांसीया गहुं, एतले प्रकारे गहुंना मांडां; ते किम.<ref> 'ते किम' ए शब्दो बीजी प्रतमां नथी. </ref>  खांडमांडा, पूरणमांडा, आछा मांडा, करकरा मांडा, आकाशमांडा, एतली<ref> एकली. </ref>  पडसूदीना मांडा. लहचूई पोली, खूबी रोटी, वारू<ref> वारु. </ref>  वडां, वेढिमी, वडां तो<ref> ते. </ref> केहवां छइ?
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{{Block center|<poem><ref>श्लोकनी शरुआतमां बीजी प्रतमां 'यतः शब्द छे. </ref>हिंग्वाजी रैर्मिरीचैर्लवणदलयुतैरार्दकैः पूर्णगर्भैः
{{Block center|'''<poem><ref>श्लोकनी शरुआतमां बीजी प्रतमां 'यतः शब्द छे. </ref>हिंग्वाजी रैर्मिरीचैर्लवणदलयुतैरार्दकैः पूर्णगर्भैः
स्निग्धः स्वादु सुवृत्तः परिमलबहुलः कोमलः कुंकुमाभः ।
स्निग्धः स्वादु सुवृत्तः परिमलबहुलः कोमलः कुंकुमाभः ।
लग्नो दंतांतराले मरुमरुमरुतस्पष्टविस्पष्टशब्दै-
लग्नो दंतांतराले मरुमरुमरुतस्पष्टविस्पष्टशब्दै-
र्धन्यानां कः कपोले प्रविशति वटकः प्रेयसीप्रेमदत्तः ॥</poem>}}
र्धन्यानां कः कपोले प्रविशति वटकः प्रेयसीप्रेमदत्तः ॥</poem>'''}}
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घणइ तेलिं सीनां, खाटइ भीना,<ref> सीनां. </ref>  हाथ धुवलइ,<ref> हाथ घुवलइ ए शब्दोंने बदले बीजी प्रतमां "घणइं वेगरइं मिलइं" एवा शब्द छे. </ref>  मुहि पडियां<ref> पड्यां. </ref> गलइ, स्वर्ग थिकु<ref>थकी</ref> देवता देषी टलवलइ. अडदनां वडां, मगनां वडां, इस्यां अनेक प्रकारिं वडां,<ref> 'इस्यां अनेक प्रकारिं वडां' शब्दोंने बदले बीजी प्रतमां 'एटले प्रकारे यहां जाणिवा' एवा शब्द छे. </ref> इस्ति [2-A] पद वडां, भीनां वडा, घोल वडां, आर्द्रक वडां, मरी२<ref> मिरी. </ref> वडा, राई वडा, मोतीआ<ref> मोतीयां. </ref> वडां, कांजीआं<ref> कांजियां, </ref> वडां, दालिआं<ref> दालियां. </ref> वडा, खांड वडां, कुहाडीआ<ref> कुहाडीयां. </ref> वडां, एतले प्रकारे वडां जाणिवां. पछइ साकर<ref> शाकर. </ref> जाणवी;<ref> आ शब्द बीजी प्रतमां नथीः पछी “षांड गुल मुकीयइं" एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref> तिवराज<ref> तिविराज, </ref> साकर, चीणी साकर, घसी साकर, मादलीआं<ref> मादलीयां. </ref> साकर, उत्तराधी साकर, कालपी साकर,  आगरी साकर. पछइ षांड आवइ; फूल खांड, सींगलुहरी<ref> सिंगलुरी. </ref> खांड, बुरा खांड, चीत्रुडी<ref>चित्रोडी, </ref> खांड, वागडा खांड, मालवी खांड<ref> पछी 'ईडरी खांड' छे. </ref>, नीझरी खांड, उत्तराधी खांड, आगरानी<ref> आगराइ. </ref> खांड<ref> पछीना 'एतली षांडनी जाति जाणवी’ ए शब्द बीजी प्रतमां नथी. </ref> एतली षांडनी जाति जाणवी. हवइ गुलनां नामः<ref> हवइ गुलनां नाम ए शब्दोने बदले बीजी प्रतमां एकलो 'गुल' शब्द आपेलो छे. </ref> मलबारी गुल, वागडीउ गुल, सोरठी<ref> सोरठीउ. </ref> गुल, मालवी गुल, नवसारी<ref> नवसारीउ. </ref> गुल, नंदरबारी गुल, नमीआडु<ref> नमीआडउ. </ref> गुल, महीयाशाही<ref> महीयासाथी. </ref> गुल, पंड्याणी गुल, नागुहुरी<ref>नागहुरी. </ref> गुल, जेहनइ जिसी<ref> जेहवी. </ref> रुचि तेहनइ<ref>तेहनइं. </ref> तिसिउं गलिउं प्रीसाइ.
घणइ तेलिं सीनां, खाटइ भीना,<ref> सीनां. </ref>  हाथ धुवलइ,<ref> हाथ घुवलइ ए शब्दोंने बदले बीजी प्रतमां "घणइं वेगरइं मिलइं" एवा शब्द छे. </ref>  मुहि पडियां<ref> पड्यां. </ref> गलइ, स्वर्ग थिकु<ref>थकी</ref> देवता देषी टलवलइ. अडदनां वडां, मगनां वडां, इस्यां अनेक प्रकारिं वडां,<ref> 'इस्यां अनेक प्रकारिं वडां' शब्दोंने बदले बीजी प्रतमां 'एटले प्रकारे यहां जाणिवा' एवा शब्द छे. </ref> इस्ति [2-A] पद वडां, भीनां वडा, घोल वडां, आर्द्रक वडां, मरी२<ref> मिरी. </ref> वडा, राई वडा, मोतीआ<ref> मोतीयां. </ref> वडां, कांजीआं<ref> कांजियां, </ref> वडां, दालिआं<ref> दालियां. </ref> वडा, खांड वडां, कुहाडीआ<ref> कुहाडीयां. </ref> वडां, एतले प्रकारे वडां जाणिवां. पछइ साकर<ref> शाकर. </ref> जाणवी;<ref> आ शब्द बीजी प्रतमां नथीः पछी “षांड गुल मुकीयइं" एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref> तिवराज<ref> तिविराज, </ref> साकर, चीणी साकर, घसी साकर, मादलीआं<ref> मादलीयां. </ref> साकर, उत्तराधी साकर, कालपी साकर,  आगरी साकर. पछइ षांड आवइ; फूल खांड, सींगलुहरी<ref> सिंगलुरी. </ref> खांड, बुरा खांड, चीत्रुडी<ref>चित्रोडी, </ref> खांड, वागडा खांड, मालवी खांड<ref> पछी 'ईडरी खांड' छे. </ref>, नीझरी खांड, उत्तराधी खांड, आगरानी<ref> आगराइ. </ref> खांड<ref> पछीना 'एतली षांडनी जाति जाणवी’ ए शब्द बीजी प्रतमां नथी. </ref> एतली षांडनी जाति जाणवी. हवइ गुलनां नामः<ref> हवइ गुलनां नाम ए शब्दोने बदले बीजी प्रतमां एकलो 'गुल' शब्द आपेलो छे. </ref> मलबारी गुल, वागडीउ गुल, सोरठी<ref> सोरठीउ. </ref> गुल, मालवी गुल, नवसारी<ref> नवसारीउ. </ref> गुल, नंदरबारी गुल, नमीआडु<ref> नमीआडउ. </ref> गुल, महीयाशाही<ref> महीयासाथी. </ref> गुल, पंड्याणी गुल, नागुहुरी<ref>नागहुरी. </ref> गुल, जेहनइ जिसी<ref> जेहवी. </ref> रुचि तेहनइ<ref>तेहनइं. </ref> तिसिउं गलिउं प्रीसाइ.


पछइ<ref>पछी बीजी प्रतमां 'शालि ६० प्रकारनउं कूर प्रीसइं ते कहीस्यई' एवा शब्द छे. </ref> राइभोग शालि,<ref>बीजी प्रतमां शालिनां ६० जातने अनुक्रम नंबर आपी गणावी छे. </ref> सुगंध शालि,<ref>बीजी प्रतमां आपेलां शालिनां वधु नामः चांद्रणी वेरडा डांगरी ढूंढणीया करडीया शालीया, मुडी कमोद पेसलवेलि कमोद, मुंठी कमोद, जीरा कमोद, शंषी कमोद, मालवणि वालेरी मुंगीउं चीतावेलि मजीठी मोहणी कोबरवेलि हरिवाल बावन्ना सीधलु हरिमुषी गोलंयालपंषी खिमुई शालि, कुंकमवणी शालि, वाघउरी शालि, चारुली शालि, गोरडु कागपंषी झुरासाणी जातषंषी वाना मांजरवेलि पाटमांजर पोति पूटणी जटाली मुषी गमतमल पलासी अडाउं गोत्रवेलि धानवेलि शुद्ध वांनवानां.</ref> कमल शालि, तिल-वासी शालि,<ref> साली.</ref>  जीरा शालि, महा शालि, साठी<ref> शाठी. </ref>  शालि, कमोद शालि, कनडी शालि, षरसु शालि, धानुरी शालि, वागडी शालि, करम शालि, बालरु शालि, कुंआरी शालि, चाद्रिणी शालि, बरडा शालि, डांगरी शालि, ढूंढणीया शालि, करडीया शालि, सालीया शालि प्रमुख, तेहना चोषा, दूबलीइं खाड्या,<ref> षांड्यां </ref>  सबलीइं छड्या, निषूतीइं वीण्या, अलवेसरि आण्या, सुमतीइं सोहिआ,<ref> सोह्या, आ शब्द पछी 'बहुजल धोया, रुडइं पात्रइं जोया, हाथ रुडे डोया,' एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref>  इस्या चोषानु भगनीइं<ref> भगतीइं. </ref>  समारिउ,<ref> आ शब्द पछी बीजी प्रतमां' रुडे ठामडे धारिउं' एवा शब्द छे. </ref>  उंन्हु<ref> उन्हउ. </ref>  तिन्हु<ref> तीन्हउ. </ref>  अणीआलु सुंहालु<ref> सुहालउं,</ref>  सरस, सुकोमल,<ref> सकोमल </ref>  जिसिउ<ref>जिस्यउं </ref> केवडु<ref> केवडउं </ref>  कुंडेली जेवडउ, सबली स्त्रीइं उसायु<ref> 'सबळी स्त्रीइं उसायु’ ए शब्दो बीजी प्रतमां नथी. </ref>  इसिउ<ref> ईसी. </ref>  सालिनु कूर, वीषरी<ref> सीष </ref>  वीणीइ<ref> वीसाइं </ref>  मनरंगि फीणीइ. मंडोरा मग,<ref> आ पछी धूंषला ‘मग' एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref>  करडूआ<ref> करड्या. </ref> मग, नीलूआ<ref> नीलूया. </ref>  मग, तेहनी दालि, कान्हमी तूअरि<ref>आ शब्द पछी बीजी प्रतमां 'वाग्मी तुअरि' एवा शब्द छे. </ref>  मसूरि<ref> मसूर. </ref> तेह तणी दालि, बभुक्षानी<ref> बभुक्षानइं. </ref> कालि, फोतिरे छांडी, हलूइ हाथि खांडी, त्रिछद्द कीधी, घणइ पाणीइ सीनी,<ref> बीजी प्रतमां 'घणइ पाणीइ सीनी' ए शब्द नथी. </ref>  बानि<ref> बावि. </ref>  पीयली,<ref> पीइं. </ref> परिणामि शीअली इसी दालि. छालीनुं घृत,<ref> 'छालिनुं धृत' ए शब्दो बीजी प्रतमां ए ज पंक्तिमां 'भइंसर्नु धृत' ए शब्दोनी पछी आवे छे. </ref>  गाईनुं धृत, भइंसिनुं<ref> भइंसनुं. </ref>  धृत, तत्कालनुं<ref> तत्कालि, </ref> ताव्युं<ref> ताबिउं. </ref>  घाईसिउं<ref> कइसिनुं. </ref>  नामिउं, मंजिष्ट वर्ण, अवधारइ कर्ण, सरही धार,<ref> आ पछी बीजी प्रतमां ‘रसा घणउ भार' एवा शब्द छे.</ref>  साक्षात् अमृत एवंविध धृत. पछइ शाक१<ref>शाकि.</ref>  प्रीसाइ,<ref>आ पछी बीजी प्रतमां 'सहुई श्रीसवा धाई' एवा शब्द छे </ref>  चुली फली, ग्वार फली, कडा फली, सडसडती फली, मगना नीलूआ,<ref>लूआ. </ref>  मोगरी४<ref>सांगरी. </ref>  उढवी५<ref>वढवी. </ref>  कइरां कंकोडां कारेलां रायकारेलां तोरईआं घीसोडां सेलरां राईआं टीडूरां सडसडती डोडी, कलकलता कसुंभा, चमचमतां चीभडां, मिरीभरी६<ref>मिरीमिरी. </ref>  खांडिमी, बधारिउं पूरण, परि [૨-B] हरीइ७<ref>आ शब्द पछी बीजी प्रतमां 'सूरण' शब्द छे. </ref>  [सूरण], बांगलां,<ref>बोगलां. </ref> वधारिआं खडबूजां, वघारिआ९<ref>वधारया. </ref>  आंबारस मतीरां, वघारीआं <ref>१० वधारयां </ref> ६ फूट, चिणानां११<ref>११ चणाणा. </ref>  बाकला, वघारि१२
पछइ<ref>पछी बीजी प्रतमां 'शालि ६० प्रकारनउं कूर प्रीसइं ते कहीस्यई' एवा शब्द छे. </ref> राइभोग शालि,<ref>बीजी प्रतमां शालिनां ६० जातने अनुक्रम नंबर आपी गणावी छे. </ref> सुगंध शालि,<ref>बीजी प्रतमां आपेलां शालिनां वधु नामः चांद्रणी वेरडा डांगरी ढूंढणीया करडीया शालीया, मुडी कमोद पेसलवेलि कमोद, मुंठी कमोद, जीरा कमोद, शंषी कमोद, मालवणि वालेरी मुंगीउं चीतावेलि मजीठी मोहणी कोबरवेलि हरिवाल बावन्ना सीधलु हरिमुषी गोलंयालपंषी खिमुई शालि, कुंकमवणी शालि, वाघउरी शालि, चारुली शालि, गोरडु कागपंषी झुरासाणी जातषंषी वाना मांजरवेलि पाटमांजर पोति पूटणी जटाली मुषी गमतमल पलासी अडाउं गोत्रवेलि धानवेलि शुद्ध वांनवानां.</ref> कमल शालि, तिल-वासी शालि,<ref> साली.</ref>  जीरा शालि, महा शालि, साठी<ref> शाठी. </ref>  शालि, कमोद शालि, कनडी शालि, षरसु शालि, धानुरी शालि, वागडी शालि, करम शालि, बालरु शालि, कुंआरी शालि, चाद्रिणी शालि, बरडा शालि, डांगरी शालि, ढूंढणीया शालि, करडीया शालि, सालीया शालि प्रमुख, तेहना चोषा, दूबलीइं खाड्या,<ref> षांड्यां </ref>  सबलीइं छड्या, निषूतीइं वीण्या, अलवेसरि आण्या, सुमतीइं सोहिआ,<ref> सोह्या, आ शब्द पछी 'बहुजल धोया, रुडइं पात्रइं जोया, हाथ रुडे डोया,' एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref>  इस्या चोषानु भगनीइं<ref> भगतीइं. </ref>  समारिउ,<ref> आ शब्द पछी बीजी प्रतमां' रुडे ठामडे धारिउं' एवा शब्द छे. </ref>  उंन्हु<ref> उन्हउ. </ref>  तिन्हु<ref> तीन्हउ. </ref>  अणीआलु सुंहालु<ref> सुहालउं,</ref>  सरस, सुकोमल,<ref> सकोमल </ref>  जिसिउ<ref>जिस्यउं </ref> केवडु<ref> केवडउं </ref>  कुंडेली जेवडउ, सबली स्त्रीइं उसायु<ref> 'सबळी स्त्रीइं उसायु’ ए शब्दो बीजी प्रतमां नथी. </ref>  इसिउ<ref> ईसी. </ref>  सालिनु कूर, वीषरी<ref> सीष </ref>  वीणीइ<ref> वीसाइं </ref>  मनरंगि फीणीइ. मंडोरा मग,<ref> आ पछी धूंषला ‘मग' एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref>  करडूआ<ref> करड्या. </ref> मग, नीलूआ<ref> नीलूया. </ref>  मग, तेहनी दालि, कान्हमी तूअरि<ref>आ शब्द पछी बीजी प्रतमां 'वाग्मी तुअरि' एवा शब्द छे. </ref>  मसूरि<ref> मसूर. </ref> तेह तणी दालि, बभुक्षानी<ref> बभुक्षानइं. </ref> कालि, फोतिरे छांडी, हलूइ हाथि खांडी, त्रिछद्द कीधी, घणइ पाणीइ सीनी,<ref> बीजी प्रतमां 'घणइ पाणीइ सीनी' ए शब्द नथी. </ref>  बानि<ref> बावि. </ref>  पीयली,<ref> पीइं. </ref> परिणामि शीअली इसी दालि. छालीनुं घृत,<ref> 'छालिनुं धृत' ए शब्दो बीजी प्रतमां ए ज पंक्तिमां 'भइंसर्नु धृत' ए शब्दोनी पछी आवे छे. </ref>  गाईनुं धृत, भइंसिनुं<ref> भइंसनुं. </ref>  धृत, तत्कालनुं<ref> तत्कालि, </ref> ताव्युं<ref> ताबिउं. </ref>  घाईसिउं<ref> कइसिनुं. </ref>  नामिउं, मंजिष्ट वर्ण, अवधारइ कर्ण, सरही धार,<ref> आ पछी बीजी प्रतमां ‘रसा घणउ भार' एवा शब्द छे.</ref>  साक्षात् अमृत एवंविध धृत. पछइ शाक<ref>शाकि.</ref>  प्रीसाइ,<ref>आ पछी बीजी प्रतमां 'सहुई श्रीसवा धाई' एवा शब्द छे </ref>  चुली फली, ग्वार फली, कडा फली, सडसडती फली, मगना नीलूआ,<ref>लूआ. </ref>  मोगरी<ref>सांगरी. </ref>  उढवी<ref>वढवी. </ref>  कइरां कंकोडां कारेलां रायकारेलां तोरईआं घीसोडां सेलरां राईआं टीडूरां सडसडती डोडी, कलकलता कसुंभा, चमचमतां चीभडां, मिरीभरी<ref>मिरीमिरी. </ref>  खांडिमी, बधारिउं पूरण, परि [૨-B] हरीइ<ref>आ शब्द पछी बीजी प्रतमां 'सूरण' शब्द छे. </ref>  [सूरण], बांगलां,<ref>बोगलां. </ref> वधारिआं खडबूजां, वघारिआ<ref>वधारया. </ref>  आंबारस मतीरां, वघारीआं <ref>वधारयां </ref> ६ फूट, चिणानां<ref>चणाणा. </ref>  बाकला, वघारि<ref>वधारथा. </ref>  मसूर दालि, वघारी आंबागोठी, तूअरिना नीलूआ, चिनामी दालि, वघारि बूबूल,<ref>ब्बूल </ref>  काकडी,<ref>'काकडी.... कोठीबदां' ए पाठ बीजी प्रतमां 'कंकोडां कारेलां' ए मुख्य प्रतना (उपर, पं. ३) शब्दोनी पछी आवे छे. </ref> कोहलां, कालिंगडां, कोठीबडां, आरीआं, चीलनी भाजी, ढीबडांनी भाजी, सोआनी भाजी, तांदजानी <ref>तांदलजानी. </ref>भाजी, चिणेजी<ref>चिणानी, </ref>  भाजी, कणझिरानी भाजी, मेथीनी भाजी, फांगीनी भाजी.<ref> 'फांगीनी भाजी, अडदनी भाजी' ए शब्दो बीजी प्रतमां नथी. </ref>  अडदनी भाजी, कली<ref>काला थुलाना. </ref>  पापड, लांगना<ref>लांगनन, </ref> पापड, मगना पापड, चोषानी पापडी, जारिनी पापडी, मालनी पापडी, तेहनां साजीआं.<ref>साजीयां. </ref>  चुलानी वडी, अडदनी बडी, घसि<ref>घईसि. </ref>  वडी, छमका बडी, सुंतली वडी, षेरु, राईतां,<ref>रायतां. </ref>  घारडां, पनुली, बघारिआ वाल, वाल्हुलि सूरी, वाल्हुलि चिहुं वानीना पलेव, कडूआ<ref>कडूया. </ref>  कसायला तीषा मधुरा पाडोसणिनी जीमि<ref>जीभ. </ref>  जस्या<ref>जिस्या. </ref>  कडूआ, जिसिआ<ref>जिस्यू. </ref>  सद्‌गुरु तणा उपदेश तिस्या कसायला, जिसी सुकिनी<ref>सोकिनी,</ref>  जीभ एहवा तीषा, जिस्यांमातानां चित्त तिस्या मधुरा पलेव. स्वादनइं अर्थि लींबुआना रस मुंकाइ,<ref> मूकायइं.</ref>  पछइ मिरी मांजरि, लींबुआं षारां, बीली,<ref> आ शब्द पछी 'करपटां कयर षारां' एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref>  खारी सुंठि, खारी कइरी, कोहलाना फाफडा षारा<ref> षार. </ref>  सेक्या, खारां कयर, खारी हलद्र, खारा वासेटा, एवंविध<ref> एवं विधि, तेना पड़ी आवतो 'सालणां' शब्द बीजी प्रतमां नथी, पण एने स्थाने 'गिरिमिरी बांसगांठि आदां' एवा शब्दो छे. </ref>  सालणां. सेक्या सुंतल्या<ref> 'सुंतल्यां' शब्द बीजी प्रतमां नथी. </ref> तल्यां<ref> तला. </ref> ताव्यां<ref> ताव्या. </ref>  तीषां तमतमां षाटां पारां<ref> आ पछी बीजी प्रतमां 'तमतमां' शब्द छे. </ref> कडूआं कसायलां मीठां मधुरां गलिआं<ref> कल्यां. </ref> चोपडां, काचां<ref> चोल्यां. </ref>  पाकां छोल्यां छुबरयां<ref> सुतलां. </ref>  वघारियां<ref> मधास्यां. </ref>  अणवधारियां,<ref> अणवघारां. </ref>  इस्यां सालणां. एलचीवाणी, द्राषवाणी, साकरवाणी, आंबलिवाणी,<ref> आंबिलवाणी, ए पछी बीजी प्रतमां, 'इक्षुवाणी' शब्द छे.</ref>  पांडवाणी, विचि इस्यां पीजइ पांणी. बारु शालि तणा करंबा,<ref> आ पछी बीजी प्रतमां  'पांमी इंनु पूजीइं अंबा' एवा शब्द छे. </ref>  कपूरिं वास्या,<ref> आ पछी प्रतमां 'जिम वासहु करइं आस्या’ एवा शब्द छे. </ref> एलचीनुं उल्लास, भोज्य लक्ष्मीनुं निवास, मांहि दही तणु प्रयोग, जेणइ<ref> जेहनइं. </ref>  जिमणहारनइ हुइ<ref> हुयइं. </ref> अभियोग, अमृतमय थोल, जिस्या खीर समुद्रना कल्लोल. हाथे मिलिउ गलणे गलिउ,<ref> गलीयउ., </ref> अत्यंत धवल प्रीणीइ मुखकमल इस्या<ref> 'इस्या थोल' ए शब्दो बीजी प्रतमां नथी. </ref> थोल, ऊपरि उन्हां टाढां पाणी,<ref> आ पछी बीजी प्रतमां 'आपइं चतुर नारि आणी' एवा शब्द छे. </ref>  सीकरीवासित कपूरवासित<ref> कपूरवासित वाणी. </ref>  पाडलवासित<ref> पाडलवासित बाणी. </ref> एलचीवासित इस्यां पाणी, खीरोदक चीर हाथ- लूहाण.<ref> लूंहणे. </ref>  पछइ चाउरे<ref> चाउर. </ref>  [3-A] आसणे आवी बइसइ.<ref> बइंस्यइं.</ref> हवइं तंबोल,<ref> आ पच्छी 'आपइं तंबोर शब्दो बीजी प्रतमां छे.</ref>  अडांगरां पांन, तबकी पांन, षाषरीआ<ref> षाषरीयां. </ref>  पांन, चेउली पांन, श्रेष्टिवेलिआं<ref> *वेलियां. </ref> पांन, कपूरवेलिआ<ref> *वेलियां. </ref>  पान, नागरखंडां पांन, मांगुलुरां<ref> मांगळुरां. </ref>  पांन, बीटि सांकडां,<ref> 'बीटि सांकडां' आ शब्दो पछी 'मांहि नहीं लाकडां' एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref>  अल्प नसाजाल, एवंविध<ref> एहवां. </ref>  मनोहर पांन.<ref> 'मनोहर पांन' ए शब्दोंने बदले बीजी प्रतमां 'आपइ भुपाल' एवा शब्द छे. </ref>  तबकी सोपारी, चेउळी सोवारी, कीली सोपारी, चीकणी सोपारी, लालीआं<ref> लालीआ. </ref> सोपारी, रोठा<ref> रोठा. </ref>  सोपारी, भमरागर सोपारी, कुचीगर सोपारी, तानुरां सोपारी, मडावां सोपारी, नीली सोपारी, कातली, तबक खरवडी, तबकी<ref> तबकी. </ref> काथु, केवडीउ<ref> केवडीयो. </ref> काथु,<ref> काथो. </ref>  लिविंग<ref> लविंग, </ref>  एलची बोदा काठी जाइफल जावित्री<ref> जावंत्री. </ref>  कर्पूर<ref> मिरीकपूर. </ref> कस्तूरी तणइ संयोगि चुसरां<ref> चुसठि. </ref>  पाननां बीडां<ref> आ पछी बीजी प्रतमां 'एकइं नहीं रुडां इकइं नहीं' एवा शब्द छे. </ref>  इम<ref> ईम, आ पछी बीजी प्रतमां 'द्रव्यना लाहा लीधा’ एवा शब्द छे. </ref>  सर्व परिवारनइं भोजन तंबोल दीधा.
<ref>१२ वधारथा. </ref>  मसूर दालि, वघारी आंबागोठी, तूअरिना नीलूआ, चिनामी दालि, वघारि बूबूल,१३<ref>१३ ब्बूल </ref>  काकडी,१४<ref>१४ 'काकडी.... कोठीबदां' ए पाठ बीजी प्रतमां 'कंकोडां कारेलां' ए मुख्य प्रतना (उपर, पं. ३) शब्दोनी पछी आवे छे. </ref> कोहलां, कालिंगडां, कोठीबडां, आरीआं, चीलनी भाजी, ढीबडांनी भाजी, सोआनी भाजी, तांदजानी १५<ref>१५ तांदलजानी. </ref>भाजी, चिणेजी१६<ref>१६ चिणानी, </ref>  भाजी, कणझिरानी भाजी, मेथीनी भाजी, फांगीनी भाजी.१७<ref>१७ 'फांगीनी भाजी, अडदनी भाजी' ए शब्दो बीजी प्रतमां नथी. </ref>  अडदनी भाजी, कली१८<ref>१८ काला थुलाना. </ref>  पापड, लांगना१९<ref>१९ लांगनन, </ref> पापड, मगना पापड, चोषानी पापडी, जारिनी पापडी, मालनी पापडी, तेहनां साजीआं.२०<ref>२० साजीयां. </ref>  चुलानी वडी, अडदनी बडी, घसि२१<ref>२१ घईसि. </ref>  वडी, छमका बडी, सुंतली वडी, षेरु, राईतां,२२<ref>२२ रायतां. </ref>  घारडां, पनुली, बघारिआ वाल, वाल्हुलि सूरी, वाल्हुलि चिहुं वानीना पलेव, कडूआ२३<ref>२३ कडूया. </ref>  कसायला तीषा मधुरा पाडोसणिनी जीमि२४<ref>२४ जीभ. </ref>  जस्या२५<ref>२५ जिस्या. </ref>  कडूआ, जिसिआ२६<ref>२६ जिस्यू. </ref>  सद्‌गुरु तणा उपदेश तिस्या कसायला, जिसी सुकिनी२७<ref>२७ सोकिनी,</ref>  जीभ एहवा तीषा, जिस्यांमातानां चित्त तिस्या मधुरा पलेव. स्वादनइं अर्थि लींबुआना रस मुंकाइ,<ref> मूकायइं.</ref>  पछइ मिरी मांजरि, लींबुआं षारां, बीली,<ref> आ शब्द पछी 'करपटां कयर षारां' एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref>  खारी सुंठि, खारी कइरी, कोहलाना फाफडा षारा<ref> षार. </ref>  सेक्या, खारां कयर, खारी हलद्र, खारा वासेटा, एवंविध<ref> एवं विधि, तेना पड़ी आवतो 'सालणां' शब्द बीजी प्रतमां नथी, पण एने स्थाने 'गिरिमिरी बांसगांठि आदां' एवा शब्दो छे. </ref>  सालणां. सेक्या सुंतल्या<ref> 'सुंतल्यां' शब्द बीजी प्रतमां नथी. </ref> तल्यां<ref> तला. </ref> ताव्यां<ref> ताव्या. </ref>  तीषां तमतमां षाटां पारां<ref> आ पछी बीजी प्रतमां 'तमतमां' शब्द छे. </ref> कडूआं कसायलां मीठां मधुरां गलिआं<ref> कल्यां. </ref> चोपडां, काचां<ref> चोल्यां. </ref>  पाकां छोल्यां छुबरयां<ref> सुतलां. </ref>  वघारियां<ref> मधास्यां. </ref>  अणवधारियां,<ref> अणवघारां. </ref>  इस्यां सालणां. एलचीवाणी, द्राषवाणी, साकरवाणी, आंबलिवाणी,<ref> आंबिलवाणी, ए पछी बीजी प्रतमां, 'इक्षुवाणी' शब्द छे.</ref>  पांडवाणी, विचि इस्यां पीजइ पांणी. बारु शालि तणा करंबा,<ref> आ पछी बीजी प्रतमां  'पांमी इंनु पूजीइं अंबा' एवा शब्द छे. </ref>  कपूरिं वास्या,<ref> आ पछी प्रतमां 'जिम वासहु करइं आस्या’ एवा शब्द छे. </ref> एलचीनुं उल्लास, भोज्य लक्ष्मीनुं निवास, मांहि दही तणु प्रयोग, जेणइ<ref> जेहनइं. </ref>  जिमणहारनइ हुइ<ref> हुयइं. </ref> अभियोग, अमृतमय थोल, जिस्या खीर समुद्रना कल्लोल. हाथे मिलिउ गलणे गलिउ,<ref> गलीयउ., </ref> अत्यंत धवल प्रीणीइ मुखकमल इस्या<ref> 'इस्या थोल' ए शब्दो बीजी प्रतमां नथी. </ref> थोल, ऊपरि उन्हां टाढां पाणी,<ref> आ पछी बीजी प्रतमां 'आपइं चतुर नारि आणी' एवा शब्द छे. </ref>  सीकरीवासित कपूरवासित<ref> कपूरवासित वाणी. </ref>  पाडलवासित<ref> पाडलवासित बाणी. </ref> एलचीवासित इस्यां पाणी, खीरोदक चीर हाथ- लूहाण.<ref> लूंहणे. </ref>  पछइ चाउरे<ref> चाउर. </ref>  [3-A] आसणे आवी बइसइ.<ref> बइंस्यइं.</ref> हवइं तंबोल,<ref> आ पच्छी 'आपइं तंबोर शब्दो बीजी प्रतमां छे.</ref>  अडांगरां पांन, तबकी पांन, षाषरीआ<ref> षाषरीयां. </ref>  पांन, चेउली पांन, श्रेष्टिवेलिआं<ref> *वेलियां. </ref> पांन, कपूरवेलिआ<ref> *वेलियां. </ref>  पान, नागरखंडां पांन, मांगुलुरां<ref> मांगळुरां. </ref>  पांन, बीटि सांकडां,<ref> 'बीटि सांकडां' आ शब्दो पछी 'मांहि नहीं लाकडां' एवा शब्द बीजी प्रतमां छे. </ref>  अल्प नसाजाल, एवंविध<ref> एहवां. </ref>  मनोहर पांन.<ref> 'मनोहर पांन' ए शब्दोंने बदले बीजी प्रतमां 'आपइ भुपाल' एवा शब्द छे. </ref>  तबकी सोपारी, चेउळी सोवारी, कीली सोपारी, चीकणी सोपारी, लालीआं<ref> लालीआ. </ref> सोपारी, रोठा<ref> रोठा. </ref>  सोपारी, भमरागर सोपारी, कुचीगर सोपारी, तानुरां सोपारी, मडावां सोपारी, नीली सोपारी, कातली, तबक खरवडी, तबकी<ref> तबकी. </ref> काथु, केवडीउ<ref> केवडीयो. </ref> काथु,<ref> काथो. </ref>  लिविंग<ref> लविंग, </ref>  एलची बोदा काठी जाइफल जावित्री<ref> जावंत्री. </ref>  कर्पूर<ref> मिरीकपूर. </ref> कस्तूरी तणइ संयोगि चुसरां<ref> चुसठि. </ref>  पाननां बीडां<ref> आ पछी बीजी प्रतमां 'एकइं नहीं रुडां इकइं नहीं' एवा शब्द छे. </ref>  इम<ref> ईम, आ पछी बीजी प्रतमां 'द्रव्यना लाहा लीधा’ एवा शब्द छे. </ref>  सर्व परिवारनइं भोजन तंबोल दीधा.
ईसपना<ref> ईसपान. </ref>  लोबान,<ref> लोब्यान. </ref>  शलारसबती,<ref> शलारसवती. </ref>  कृष्णागर भोग धूप समस्त परिवार आगलि ऊषेवाइ.<ref> उषवेवाइं, आनी पछी बीजी प्रतमां 'गायन बइंठाणाय' एवा शब्द छे. </ref>  धूपेल चांपेल मोगरेल करणेल जइतेल<ref> जायतेल, बीजी प्रतमां आ शब्द पछी 'घणइ बत्त्या' शब्दो मले छे. </ref>  एवंविध तेलिइं चोला भीजाइ.<ref> भींजबीइं </ref> चूउ जबाधि पोहिसा कचूलु गुलाब सुरतर<ref> गुरुतरु. </ref>  अबीर बावन्नाचंदन सूकडि केसर मिलियोगिरा<ref> मिलियागरं, </ref> कपूरकाचरी नखला गहुंला कस्तूरी बरासकपूर,<ref> कपूरबरास. </ref>  चीणीउं कपूर,<ref> आ शब्द बीजी प्रतमां नथी. </ref> गुलाल एवंविध छांटणां. चंपकपुष्प<ref> चंपकपुष्प. </ref>  मालती<ref> मालतीपुष्प. </ref>  केवडा पाडल जाइनां<ref> जायनां.</ref>  फूल,  
ईसपना<ref> ईसपान. </ref>  लोबान,<ref> लोब्यान. </ref>  शलारसबती,<ref> शलारसवती. </ref>  कृष्णागर भोग धूप समस्त परिवार आगलि ऊषेवाइ.<ref> उषवेवाइं, आनी पछी बीजी प्रतमां 'गायन बइंठाणाय' एवा शब्द छे. </ref>  धूपेल चांपेल मोगरेल करणेल जइतेल<ref> जायतेल, बीजी प्रतमां आ शब्द पछी 'घणइ बत्त्या' शब्दो मले छे. </ref>  एवंविध तेलिइं चोला भीजाइ.<ref> भींजबीइं </ref> चूउ जबाधि पोहिसा कचूलु गुलाब सुरतर<ref> गुरुतरु. </ref>  अबीर बावन्नाचंदन सूकडि केसर मिलियोगिरा<ref> मिलियागरं, </ref> कपूरकाचरी नखला गहुंला कस्तूरी बरासकपूर,<ref> कपूरबरास. </ref>  चीणीउं कपूर,<ref> आ शब्द बीजी प्रतमां नथी. </ref> गुलाल एवंविध छांटणां. चंपकपुष्प<ref> चंपकपुष्प. </ref>  मालती<ref> मालतीपुष्प. </ref>  केवडा पाडल जाइनां<ref> जायनां.</ref>  फूल,  
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